प्रत्यय ( Pratyay )



प्रत्यय
      जो शब्दांश किसी मूल शब्द के पीछे या अन्त मेँ जुड़कर नवीन शब्द का निर्माण करके पहले शब्द के अर्थ मेँ परिवर्तन या विशेषता उत्पन्न कर देते हैँ, उन्हेँ प्रत्यय कहते हैँ। कभीकभी प्रत्यय लगाने पर भी शब्द के अर्थ मेँ कोई परिवर्तन नहीँ होता है। जैसेबालबालक, मृदुमृदुल।
      प्रत्यय लगने पर शब्द एवं शब्दांश मेँ संधि नहीँ होती बल्कि शब्द के अन्तिम वर्ण मेँ मिलने वाले प्रत्यय के स्वर की मात्रा लग जाती है, व्यंजन होने पर वह यथावत रहता है। जैसेलोहा+आर = लुहार, नाटक+कार = नाटककार।
      शब्दरचना मेँ प्रत्यय कहीँ पर अपूर्ण क्रिया, कहीँ पर सम्बन्धवाचक और कहीँ पर भाववाचक के लिये प्रयुक्त होते हैँ। जैसेमानव+ईय = मानवीय। लघु+ता = लघुता। बूढ़ा+आपा = बुढ़ापा।
      हिन्दी मेँ प्रत्यय तीन प्रकार के होते हैँ
(1)
संस्कृत के प्रत्यय,
(2)
हिन्दी के प्रत्यय तथा
(3)
विदेशी भाषा के प्रत्यय।
1. संस्कृत के प्रत्यय
      संस्कृत व्याकरण मेँ शब्दोँ और मूल धातुओँ से जो प्रत्यय जुड़ते हैँ, वे प्रत्यय दो प्रकार के होते हैँ
1.
कृदन्त प्रत्यय
      
जो प्रत्यय मूल धातुओँ अर्थात् क्रिया पद के मूल स्वरूप के अन्त मेँ जुड़कर नये शब्द का निर्माण करते हैँ, उन्हेँ कृदन्त या कृत् प्रत्यय कहते हैँ। धातु या क्रिया के अन्त मेँ जुड़ने से बनने वाले शब्द संज्ञा या विशेषण होते हैँ। कृदन्त प्रत्यय के निम्नलिखित तीन भेद होते हैँ
(1)
कर्त्तृवाचक कृदन्त वे प्रत्यय जो कर्तावाचक शब्द बनाते हैँ, कर्त्तृवाचक कृदन्त कहलाते हैँ। जैसे
प्रत्यय शब्दरूप
तृ (ता)कर्त्ता, नेता, भ्राता, पिता, कृत, दाता, ध्याता, ज्ञाता।
अकपाठक, लेखक, पालक, विचारक, गायक।
(2)
विशेषणवाचक कृदन्त जो प्रत्यय क्रियापद से विशेषण शब्द की रचना करते हैँ, विशेषणवाचक प्रत्यय कहलाते हैँ। जैसे
आगत, विगत, विश्रुत, कृत।
तव्यकर्तव्य, गन्तव्य, ध्यातव्य।
नृत्य, पूज्य, स्तुत्य, खाद्य।
अनीयपठनीय, पूजनीय, स्मरणीय, उल्लेखनीय, शोचनीय।
(3)
भाववाचक कृदन्त वे प्रत्यय जो क्रिया से भाववाचक संज्ञा का निर्माण करते हैँ, भाववाचक कृदन्त कहलाते हैँ। जैसे
अनलेखन, पठन, हवन, गमन।
तिगति, मति, रति।
जय, लाभ, लेख, विचार।
2. तद्धित प्रत्यय
      
जो प्रत्यय क्रिया पदोँ (धातुओँ) के अतिरिक्त मूल संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण शब्दोँ के अन्त मेँ जुड़कर नया शब्द बनाते हैँ, उन्हेँ तद्धित प्रत्यय कहते हैँ। जैसेगुरु, मनुष्य, चतुर, कवि शब्दोँ मेँ क्रमशः त्व, ता, तर, ता प्रत्यय जोड़ने पर गुरुत्व, मनुष्यता, चतुरतर, कविता शब्द बनते हैँ।
      तद्धित प्रत्यय के छः भेद हैँ
(1)
भाववाचक तद्धित प्रत्यय भाववाचक दद्धित से भाव प्रकट होता है। इसमेँ प्रत्यय लगने पर कहीँकहीँ पर आदिस्वर की वृद्धि हो जाती है। जैसे
प्रत्यय शब्दरूप
अवलाघव, गौरव, पाटव।
त्वमहत्त्व, गुरुत्व, लघुत्व।
तालघुता, गुरुता, मनुष्यता, समता, कविता।
इमामहिमा, गरिमा, लघिमा, लालिमा।
पांडित्य, धैर्य, चातुर्य, माधुर्य, सौन्दर्य।
(2)
सम्बन्धवाचक तद्धित प्रत्यय सम्बन्धवाचक तद्धित प्रत्यय से सम्बन्ध का बोध होता है। इसमेँ भी कहीँकहीँ पर आदिस्वर की वृद्धि हो जाती है। जैसे
शैव, वैष्णव, तैल, पार्थिव।
इकलौकिक, धार्मिक, वार्षिक, ऐतिहासिक।
इतपीड़ित, प्रचलित, दुःखित, मोहित।
इमस्वर्णिम, अन्तिम, रक्तिम।
इलजटिल, फेनिल, बोझिल, पंकिल।
ईयभारतीय, प्रान्तीय, नाटकीय, भवदीय।
ग्राम्य, काम्य, हास्य, भव्य।
(3)
अपत्यवाचक तद्धित प्रत्यय इनसे अपत्य अर्थात् सन्तान या वंश मेँ उत्पन्न हुए व्यक्ति का बोध होता है। अपत्यवाचक तद्धित प्रत्यय मेँ भी कहीँकहीँ पर आदिस्वर की वृद्धि हो जाती है। जैसे
पार्थ, पाण्डव, माधव, राघव, भार्गव।
दाशरथि, मारुति, सौमित्र।
गालव्य, पौलस्त्य, शाक्य, गार्ग्य।
एयवार्ष्णेय, कौन्तेय, गांगेय, राधेय।
(4)
पूर्णतावाचक तद्धित प्रत्यय इसमेँ संख्या की पूर्णता का बोध होता है। जैसे
प्रथम, पंचम, सप्तम, नवम, दशम।
थ/ठचतुर्थ, षष्ठ।
तीयद्वितीय, तृतीय।
(5)
तारतम्यवाचक तद्धित प्रत्यय दो या दो से अधिक वस्तुओँ मेँ श्रेष्ठता बतलाने के लिए तारतम्यवाचक तद्धित प्रत्यय लगता है। जैसे
तरअधिकतर, गुरुतर, लघुतर।
तमसुन्दरतम, अधिकतम, लघुतम।
ईयगरीय, वरीय, लघीय।
इष्ठगरिष्ठ, वरिष्ठ, कनिष्ठ।
(6)
गुणवाचक तद्धित प्रत्यय गुणवाचक तद्धित प्रत्यय से संज्ञा शब्द गुणवाची बन जाते हैँ। जैसे
वान्धनवान्, विद्वान्, बलवान्।
मान्बुद्धिमान्, शक्तिमान्, गतिमान्, आयुष्मान्।
त्यपाश्चात्य, पौर्वात्य, दक्षिणात्य।
आलुकृपालु, दयालु, शंकालु।
विद्यार्थी, क्रोधी, धनी, लोभी, गुणी।
2. हिन्दी के प्रत्यय
      संस्कृत की तरह ही हिन्दी के भी अनेक प्रत्यय प्रयुक्त होते हैँ। ये प्रत्यय यद्यपि कृदन्त और तद्धित की तरह जुड़ते हैँ, परन्तु मूल शब्द हिन्दी के तद्भव या देशज होते हैँ। हिन्दी के सभी प्रत्ययोँ कोँ निम्न वर्गोँ मेँ सम्मिलित किया जाता है
(1)
कर्त्तृवाचक जिनसे किसी कार्य के करने वाले का बोध होता है, वे कर्त्तृवाचक प्रत्यय कहलाते हैँ। जैसे
प्रत्यय शब्दरूप
आरसुनार, लोहार, चमार, कुम्हार।
ओराचटोरा, खदोरा, नदोरा।
इयादुखिया, सुखिया, रसिया, गडरिया।
इयलमरियल, सड़ियल, दढ़ियल।
एरासपेरा, लुटेरा, कसेरा, लखेरा।
वालाघरवाला, ताँगेवाला, झाड़ूवाला, मोटरवाला।
वैया (ऐया)गवैया, नचैया, रखवैया, खिवैया।
हारालकड़हारा, पनिहारा।
हारराखनहार, चाखनहार।
अक्कड़भुलक्कड़, घुमक्कड़, पियक्कड़।
आकूलड़ाकू।
आड़ीखिलाड़ी।
ओड़ाभगोड़ा।
(2)
भाववाचक जिनसे किसी भाव का बोध होता है, भाववाचक प्रत्यय कहलाते हैँ। जैसे
प्यासा, भूखा, रुखा, लेखा।
आईमिठाई, रंगाई, सिलाई, भलाई।
आकाधमाका, धड़ाका, भड़ाका।
आपामुटापा, बुढ़ापा, रण्डापा।
आहटचिकनाहट, कड़वाहट, घबड़ाहट, गरमाहट।
आसमिठास, खटास, भड़ास।
गर्मी, सर्दी, मजदूरी, पहाड़ी, गरीबी, खेती।
पनलड़कपन, बचपन, गँवारपन।
(3)
सम्बन्धवाचक जिनसे सम्बन्ध का भाव व्यक्त होता है, वे सम्बन्धवाचक प्रत्यय कहलाते हैँ। जैसे
आईबहनोई, ननदोई, रसोई।
आड़ीखिलाड़ी, पहाड़ी, अनाड़ी।
एराचचेरा, ममेरा, मौसेरा, फुफेरा।
एड़ीभँगेड़ी, गँजेड़ी, नशेड़ी।
आरीलुहारी, सुनारी, मनिहारी।
आलननिहाल, ससुराल।
(4)
लघुतावाचक जिनसे लघुता या न्यूनता का बोध होता है, वे लघुतावाचक प्रत्यय कहलाते हैँ। जैसे
रस्सी, कटोरी, टोकरी, ढोलकी।
इयाखटिया, लुटिया, चुटिया, डिबिया, पुड़िया।
ड़ामुखड़ा, दुखड़ा, चमड़ा।
ड़ीटुकड़ी, पगड़ी, बछड़ी।
ओलाखटोला, मझोला, सँपोला।
(5)
गणनावाचक प्रत्यय जिनसे गणनावाचक संख्या का बोध है, वे गणनावाचक प्रत्यय कहलाते हैँ। जैसे
थाचौथा।
रादूसरा, तीसरा।
लापहला।
वाँपाँचवाँ, दसवाँ, सातवाँ।
हराइकहरा, दुहरा, तिहरा।
(6)
सादृश्यवाचक प्रत्यय जिनसे सादृश्य या समता का बोध होता है, उन्हेँ सादृश्यवाचक प्रत्यय कहते हैँ। जैसे
सामुझसा, तुझसा, नीलासा, चाँदसा, गुलाबसा।
हरादुहरा, तिहरा, चौहरा।
हला सुनहला, रूपहला।
(7)
गुणवाचक प्रत्यय जिनसे किसी गुण का बोध होता है, वे गुणवाचक प्रत्यय कहलाते हैँ। जैसे
मीठा, ठंडा, प्यासा, भूखा, प्यारा।
ईलालचीला, गँठीला, सजीला, रंगीला, चमकीला, रसीला।
ऐलामटमैला, कषैला, विषैला।
आऊबटाऊ, पंडिताऊ, नामधराऊ, खटाऊ।
वन्तकलावन्त, कुलवन्त, दयावन्त।
तामूर्खता, लघुता, कठोरता, मृदुता।
(8)
स्थानवाचक जिनसे स्थान का बोध होता है, वे स्थानवाचक प्रत्यय कहलाते हैँ। जैसे
पंजाबी, गुजराती, मराठी, अजमेरी, बीकानेरी, बनारसी, जयपुरी।
इयाअमृतसरिया, भोजपुरिया, जयपुरिया, जालिमपुरिया।
आनाहरियाना, राजपूताना, तेलंगाना।
वीहरियाणवी, देहलवी।
3. विदेशी प्रत्यय
      हिन्दी मेँ उर्दू के ऐसे प्रत्यय प्रयुक्त होते हैँ, जो मूल रूप से अरबी और फारसी भाषा से अपनाये गये हैँ। जैसे
आबादअहमदाबाद, इलाहाबाद।
खानादवाखाना, छापाखाना।
गरजादूगर, बाजीगर, शोरगर।
ईचाबगीचा, गलीचा।
चीखजानची, मशालची, तोपची।
दारमालदार, दूकानदार, जमीँदार।
दानकलमदान, पीकदान, पायदान।
वानकोचवान, बागवान।
बाजनशेबाज, दगाबाज।
मन्दअक्लमन्द, भरोसेमन्द।
नाकदर्दनाक, शर्मनाक।
गीरराहगीर, जहाँगीर।
गीदीवानगी, ताजगी।
गारयादगार, रोजगार।


हिन्दी मेँ प्रयुक्त प्रमुख प्रत्यय व उनसे बने प्रमुख शब्द :

शैव, वैष्णव, तैल, पार्थिव, मानव, पाण्डव, वासुदेव, लूट, मार, तोल, लेख, पार्थ, दानव, यादव, भार्गव, माधव, जय, लाभ, विचार, चाल, लाघव, शाक्त, मेल, बौद्ध।
अकचालक, पावक, पाठक, लेखक, पालक, विचारक, खटक, धावक, गायक, नायक, दायक।
अक्कड़भुलक्कड़, घुमक्कड़, पियक्कड़, कुदक्कड़, रुअक्कड़, फक्कड़, लक्कड़।
अंतगढ़ंत, लड़ंत, भिड़ंत, रटंत, लिपटंत, कृदन्त, फलंत।
अन्तररुपान्तर, मतान्तर, मध्यान्तर, समानान्तर, देशांतर, भाषांतर।
अतीतकालातीत, आशातीत, गुणातीत, स्मरणातीत।
अंदाजतीरंदाज, गोलंदाज, बर्कंदाज, बेअंदाज।
अंधसड़ांध, मदांध, धर्माँध, जन्मांध, दोषांध।
अधीनकर्माधीन, स्वाधीन, पराधीन, देवाधीन, विचाराधीन, कृपाधीन, निर्णयाधीन, लेखकाधीन, प्रकाशकाधीन।
अनलेखन, पठन, वादन, गायन, हवन, गमन, झाड़न, जूठन, ऐँठन, चुभन, मंथन, वंदन, मनन, चिँतन, ढ़क्कन, मरण, चलन, जीवन।
अनाभावना, कामना, प्रार्थना।
अनीयतुलनीय, पठनीय, दर्शनीय।
अन्वितक्रोधान्वित, दोषान्वित, लाभान्वित, भयान्वित, क्रियान्वित, गुणान्वित।
अन्वयपदान्वय, खंडान्वय।
अयनरामायण, नारायण, अन्वयन।
प्यासा, लेखा, फेरा, जोड़ा, प्रिया, मेला, ठंडा, भूखा, छाता, छत्रा, हर्जा, खर्चा, पीड़ा, रक्षा, झगड़ा, सूखा, रुखा, अटका, भटका, मटका, भूला, बैठा, जागा, पढ़ा, भागा, नाचा, पूजा, मैला, प्यारा, घना, झूला, ठेला, घेरा, मीठा।
आइनठकुराइन, पंडिताइन, मुंशियाइन।
आईलड़ाई, चढ़ाई, भिड़ाई, लिखाई, पिसाई, दिखाई, पंडिताई, भलाई, बुराई, अच्छाई, बुनाई, कढ़ाई, सिँचाई, पढ़ाई, उतराई।
आऊदिखाऊ, टिकाऊ, बटाऊ, पंडिताऊ, नामधराऊ, खटाऊ, चलाऊ, उपजाऊ, बिकाऊ, खाऊ, जलाऊ, कमाऊ, टरकाऊ, उठाऊ।

आकलड़ाक, तैराक, चालाक, खटाक, सटाक, तड़ाक, चटाक।
आकाधमाका, धड़ाका, भड़ाका, लड़ाका, फटाका, चटाका, खटाका, तड़ाका, इलाका।
आकूलड़ाकू, पढ़ाकू, उड़ाकू, चाकू।
आकुलभयाकुल, व्याकुल।
आटासन्नाटा, खर्राटा, फर्राटा, घर्राटा, झपाटा, थर्राटा।
आड़ीकबाड़ी, पहाड़ी, अनाड़ी, खिलाड़ी, अगाड़ी, पिछाड़ी।
आढ्यधनाढ्य, गुणाढ्य।
आतुरप्रेमातुर, रोगातुर, कामातुर, चिँतातुर, भयातुर।
आनउड़ान, पठान, चढ़ान, नीचान, उठान, लदान, मिलान, थकान, मुस्कान।
आनानजराना, हर्जाना, घराना, तेलंगाना, राजपूताना, मर्दाना, जुर्माना, मेहनताना, रोजाना, सालाना।
आनीदेवरानी, जेठानी, सेठानी, गुरुआनी, इंद्राणी, नौकरानी, रूहानी, मेहतरानी, पंडितानी।
आपमिलाप, विलाप, जलाप, संताप।
आपाबुढ़ापा, मुटापा, रण्डापा, बहिनापा, जलापा, पुजापा, अपनापा।
आबगुलाब, शराब, शबाब, कबाब, नवाब, जवाब, जनाब, हिसाब, किताब।
आबादनाबाद, हैदराबाद, अहमदाबाद, इलाहाबाद, शाहजहाँनाबाद।
आमहपितामह, मातामह।
आयतत्रिगुणायत, पंचायत, बहुतायत, अपनायत, लोकायत, टीकायत, किफायत, रियायत।
आयनदांड्यायन, कात्यायन, वात्स्यायन, सांस्कृत्यायन।
आरकुम्हार, सुनार, लुहार, चमार, सुथार, कहार, गँवार, नश्वार।
आराबनजारा, निबटारा, छुटकारा, हत्यारा, घसियारा, भटियारा।
आरीपुजारी, सुनारी, लुहारी, मनिहारी, कोठारी, बुहारी, भिखारी, जुआरी।
आरुदुधारु, गँवारु, बाजारु।
आलससुराल, ननिहाल, घड़ियाल, कंगाल, बंगाल, टकसाल।
आलाशिवाला, पनाला, परनाला, दिवाला, उजाला, रसाला, मसाला।
आलुईर्ष्यालु, कृपालु, दयालु।
आलूझगड़ालू, लजालू, रतालू, सियालू।
आवघेराव, बहाव, लगाव, दुराव, छिपाव, सुझाव, जमाव, ठहराव, घुमाव, पड़ाव, बिलाव।
आवरदिलावर, दस्तावर, बख्तावर, जोरावर, जिनावर।
आवटलिखावट, थकावट, रुकावट, बनावट, तरावट, दिखावट, सजावट, घिसावट।
आवनासुहावना, लुभावना, डरावना, भावना।
आवाभुलावा, बुलावा, चढ़ावा, छलावा, पछतावा, दिखावा, बहकावा, पहनावा।
आहटकड़वाहट, चिकनाहट, घबराहट, सरसराहट, गरमाहट, टकराहट, थरथराहट, जगमगाहट, चिरपिराहट, बिलबिलाहट, गुर्राहट, तड़फड़ाहट।
आसखटास, मिठास, प्यास, बिँदास, भड़ास, रुआँस, निकास, हास, नीचास, पलास।
आसाकुहासा, मुँहासा, पुंडासा, पासा, दिलासा।
आस्पदघृणास्पद, विवादास्पद, संदेहास्पद, उपहासास्पद, हास्यास्पद।
ओईबहनोई, ननदोई, रसोई, कन्दोई।
ओड़ाभगोड़ा, हँसोड़ा, थोड़ा।
ओराचटोरा, कटोरा, खदोरा, नदोरा, ढिँढोरा।
ओलाखटोला, मँझोला, बतोला, बिचोला, फफोला, सँपोला, पिछोला।
औटाबिलौटा, हिरनौटा, पहिलौटा, बिनौटा।
औताफिरौता, समझौता, कठौता।
औतीचुनौती, बपौती, फिरौती, कटौती, कठौती, मनौती।
औनाघिनौना, खिलौना, बिछौना, सलौना, डिठौना।
औनीघिनौनी, बिछौनी, सलौनी।
इंदापरिँदा, चुनिँदा, शर्मिँदा, बाशिँदा, जिन्दा।
दाशरथि, मारुति, राघवि, वारि, सारथि, वाल्मीकि।
इकमानसिक, मार्मिक, पारिश्रमिक, व्यावहारिक, ऐतिहासिक, पार्श्विक, सामाजिक, पारिवारिक, औपचारिक, भौतिक, लौकिक, नैतिक, वैदिक, प्रायोगिक, वार्षिक, मासिक, दैनिक, धार्मिक, दैहिक, प्रासंगिक, नागरिक, दैविक, भौगोलिक।
इकानायिका, पत्रिका, निहारिका, लतिका, बालिका, कलिका, लेखिका, सेविका, प्रेमिका।
इकीवानिकी, मानविकी, यांत्रिकी, सांख्यिकी, भौतिकी, उद्यानिकी।
इतलिखित, कथित, चिँतित, याचित, खंडित, पोषित, फलित, द्रवित, कलंकित, हर्षित, अंकित, शोभित, पीड़ित, कटंकित, रचित, चलित, तड़ित, उदित, गलित, ललित, वर्जित, पठित, बाधित, रहित, सहित।
इतरआयोजनेतर, अध्ययनेतर, सचिवालयेतर।
इत्यलालित्य, आदित्य, पांडित्य, साहित्य, नित्य।
इनमालिन, कठिन, बाघिन, मालकिन, मलिन, अधीन, सुनारिन, चमारिन, पुजारिन, कहारिन।
इनीभुजंगिनी, यक्षिणी, सरोजिनी, वाहिनी, हथिनी, मतवालिनी।
इमअग्रिम, रक्तिम, पश्चिम, अंतिम, स्वर्णिम।
इमालालिमा, गरिमा, लघिमा, पूर्णिमा, हरितिमा, मधुरिमा, अणिमा, नीलिमा, महिमा।
इयतइंसानियत, कैफियत, माहियत, हैवानित, खासियत, खैरियत।
इयलमरियल, दढ़ियल, चुटियल, सड़ियल, अड़ियल।
इयालठिया, बिटिया, चुटिया, डिबिया, खटिया, लुटिया, मुखिया, चुहिया, बंदरिया, कुतिया, दुखिया, सुखिया, आढ़तिया, रसोइया, रसिया, पटिया, चिड़िया, बुढ़िया, अमिया, गडरिया, मटकिया, लकुटिया, घटिया, रेशमिया, मजाकिया, सुरतिया।
इलपंकिल, रोमिल, कुटिल, जटिल, धूमिल, तुंडिल, फेनिल, बोझिल, तमिल, कातिल।
इशमालिश, फरमाइश, पैदाइश, पैमाइश, आजमाइश, परवरिश, कोशिश, रंजिश, साजिश, नालिश,
कशिश, तफ्तिश, समझाइश।
इस्तानकब्रिस्तान, तुर्किस्तान, अफगानिस्तान, नखलिस्तान, कजाकिस्तान।
इष्णुसहिष्णु, वर्घिष्णु, प्रभाविष्णु।
इष्टविशिष्ट, स्वादिष्ट, प्रविष्ट।
इष्ठघनिष्ठ, बलिष्ठ, गरिष्ठ, वरिष्ठ।
गगरी, खुशी, दुःखी, भेदी, दोस्ती, चोरी, सर्दी, गर्मी, पार्वती, नरमी, टोकरी, झंडी, ढोलकी, लंगोटी, भारी, गुलाबी, हरी, सुखी, बिक्री, मंडली, द्रोपदी, वैदेही, बोली, हँसी, रेती, खेती, बुहारी, धमकी, बंगाली, गुजराती, पंजाबी, राजस्थानी, जयपुरी, मद्रासी, पहाड़ी, देशी, सुन्दरी, ब्राह्मणी, गुणी, विद्यार्थी, क्रोधी, लालची, लोभी, पाखण्डी, विदुषी, विदेशी, अकेली, सखी, साखी, अलबेली, सरकारी, तन्दुरी, सिन्दुरी, किशोरी, हेराफेरी, कामचोरी।
ईचाबगीचा, गलीचा, सईचा।
ईनप्रवीण, शौकीन, प्राचीन, कुलीन, शालीन, नमकीन, रंगीन, ग्रामीण, नवीन, संगीन, बीन, तारपीन, गमगीन, दूरबीन, मशीन, जमीन।
ईनाकमीना, महीना, पश्मीना, नगीना, मतिहीना, मदीना, जरीना।
ईयभारतीय, जातीय, मानवीय, राष्ट्रीय, स्थानीय, भवदीय, पठनीय, पाणिनीय, शास्त्रीय, वायवीय, पूजनीय, वंदनीय, करणीय, राजकीय, देशीय।
ईलारसीला, जहरीला, पथरीला, कंकरीला, हठीला, रंगीला, गँठीला, शर्मीला, सुरीला, नुकीला, बर्फीला, भड़कीला, नशीला, लचीला, सजीला, फुर्तीला।
ईशनदीश, कपीश, कवीश, गिरीश, महीश, हरीश, सतीश।
सिँधु, लघु, भानु, गुरु, अनु, भिक्षु, शिशु, , वधु, तनु, पितु, बुद्धु, शत्रु, आयु।
उकभावुक, कामुक, भिक्षुक, नाजुक।
उवा/उआमछुआ, कछुआ, बबुआ, मनुआ, कलुआ, गेरुआ।
उलमातुल, पातुल।
झाडू, बाजारू, घरू, झेँपू, पेटू, भोँपू, गँवारू, ढालू।
ऊटाकलूटा।
चले, पले, फले, ढले, गले, मिले, खड़े, पड़े, डरे, मरे, हँसे, फँसे, जले, किले, काले, ठहरे, पहरे, रोये, चने, पहने, गहने, मेरे, तेरे, तुम्हारे, हमारे, सितारे, उनके, उसके, जिसके, बकरे, कचरे, लुटेरे, सुहावने, डरावने, झूले, प्यारे, घने, सूखे, मैले, थैले, बेटे, लेटे, आए, गए, छोटे, बड़े, फेरे, दूसरे।
एड़ीनशेड़ी, भँगेड़ी, गँजेड़ी।
एयगांगेय, आग्नेय, आंजनेय, पाथेय, कौँतेय, वार्ष्णेय, मार्कँडेय, कार्तिकेय, राधेय।
एरालुटेरा, सपेरा, मौसेरा, चचेरा, ममेरा, फुफेरा, चितेरा, ठठेरा, कसेरा, लखेरा, भतेरा, कमेरा, बसेरा, सवेरा, अन्धेरा, बघेरा।
एलफुलेल, नकेल, ढकेल, गाँवड़ेल।
एलाबघेला, अकेला, सौतेला, करेला, मेला, तबेला, ठेला, रेला।

एतसाकेत, संकेत, अचेत, सचेत, पठेत।
ऐतलठैत, डकैत, लड़ैत, टिकैत, फिकैत।
ऐया गवैया, बजैया, रचैया, खिवैया, रखैया, कन्हैया, लगैया।
ऐलगुस्सैल, रखैल, खपरैल, मुँछैल, दँतैल, बिगड़ैल।
ऐलाविषैला, कसैला, वनैला, मटैला, थनैला, मटमैला।
बालक, सप्तक, दशक, अष्टक, अनुवादक, लिपिक, चालक, शतक, दीपक, पटक, झटक, लटक, खटक।
करदिनकर, दिवाकर, रुचिकर, हितकर, प्रभाकर, सुखकर, प्रलंयकर, भयंकर, पढ़कर, लिखकर, चलकर, सुनकर, पीकर, खाकर, उठकर, सोकर, धोकर, जाकर, आकर, रहकर, सहकर, गाकर, छानकर, समझकर, उलझकर, नाचकर, बजाकर, भूलकर, तड़पकर, सुनाकर, चलाकर, जलाकर, आनकर, गरजकर, लपककर, भरकर, डरकर।
करणसरलीकरण, स्पष्टीकरण, गैसीकरण, द्रवीकरण, पंजीकरण, ध्रुवीकरण।
कल्पकुमारकल्प, कविकल्प, भृतकल्प, विद्वतकल्प, कायाकल्प, संकल्प, विकल्प।
कारसाहित्यकार, पत्रकार, चित्रकार, संगीतकार, काश्तकार, शिल्पकार, ग्रंथकार, कलाकार, चर्मकार, स्वर्णकार, गीतकार, बलकार, बलात्कार, फनकार, फुँफकार, हुँकार, छायाकार, कहानीकार, अंधकार, सरकार।
कागुटका, मटका, छिलका, टपका, छुटका, बड़का, कालका।
कीबड़की, छुटकी, मटकी, टपकी, अटकी, पटकी।
कीयस्वकीय, परकीय, राजकीय, नाभिकीय, भौतिकीय, नारकीय, शासकीय।
कोटनगरकोट, पठानकोट, राजकोट, धूलकोट, अंदरकोट।
कोटापरकोटा।
खानादवाखाना, तोपखाना, कारखाना, दौलतखाना, कैदखाना, मयखाना, छापाखाना, डाकखाना, कटखाना।
खोरमुफ्तखोर, आदमखोर, सूदखोर, जमाखोर, हरामखोर, चुगलखोर।
उरग, विहग, तुरग, खड़ग।
गढ़जयगढ़, देवगढ़, रामगढ़, चित्तौड़गढ़, कुशलगढ़, कुम्भलगढ़, हनुमानगढ़, लक्ष्मणगढ़, डूँगरगढ़, राजगढ़, सुजानगढ़, किशनगढ़।
गरजादूगर, नीलगर, कारीगर, बाजीगर, सौदागर, कामगर, शोरगर, उजागर।
गाँवचिरगाँव, गोरेगाँव, गुड़गाँव, जलगाँव।
गातमगा, दुर्गा।
गारकामगार, यादगार, रोजगार, मददगार, खिदमतगार।
गाहईदगाह, दरगाह, चरागाह, बंदरगाह, शिकारगाह।
गीमर्दानगी, जिँदगी, सादगी, एकबारगी, बानगी, दीवानगी, ताजगी।
गीरराहगीर, उठाईगीर, जहाँगीर।
गीरीकुलीगीरी, मुँशीगीरी, दादागीरी।
गुनादुगुना, तिगुना, चौगुना, पाँचगुना, सौगुना।
ग्रस्तरोगग्रस्त, तनावग्रस्त, चिन्ताग्रस्त, विवादग्रस्त, व्याधिग्रस्त, भयग्रस्त।
घ्नकृतघ्न, पापघ्न, मातृघ्न, वातघ्न।
चरजलचर, नभचर, निशाचर, थलचर, उभयचर, गोचर, खेचर।
चादेगचा, चमचा, खोमचा, पोमचा।
चित्कदाचित्, किँचित्, कश्चित्, प्रायश्चित्।
चीअफीमची, तोपची, बावरची, नकलची, खजांची, तबलची।
अंबुज, पयोज, जलच, वारिज, नीरज, अग्रज, अनुज, पंकज, आत्मज, सरोज, उरोज, धीरज, मनोज।
जाआत्मजा, गिरिजा, शैलजा, अर्कजा, भानजा, भतीजा, भूमिजा।
जातनवजात, जलजात, जन्मजात।
जादाशहजादा, रईसजादा, हरामजादा, नवाबजादा।
ज्ञविशेषज्ञ, नीतिज्ञ, मर्मज्ञ, सर्वज्ञ, धर्मज्ञ, शास्त्रज्ञ।
कर्मठ, जरठ, षष्ठ।
ड़ादुःखड़ा, मुखड़ा, पिछड़ा, टुकड़ा, बछड़ा, हिँजड़ा, कपड़ा, चमड़ा, लँगड़ा।
ड़ीटुकड़ी, पगड़ी, बछड़ी, चमड़ी, दमड़ी, पंखुड़ी, अँतड़ी, टंगड़ी, लँगड़ी।
आगत, विगत, विश्रुत, रंगत, संगत, चाहत, कृत, मिल्लत, गत, हत, व्यक्त, बचत, खपत, लिखत, पढ़त, बढ़त, घटत, आकृष्ट, तुष्ट, संतुष्ट (सम्+तुष्+त)।
तनअधुनातन, नूतन, पुरातन, सनातन।
तरअधिकतर, कमतर, कठिनतर, गुरुतर, ज्यादातर, दृढ़तर, लघुतर, वृहत्तर, उच्चतर, कुटिलतर, दृढ़तर, निम्नतर, निकटतर, महत्तर।
तमप्राचीनतम, नवीनतम, तीव्रतम, उच्चतम, श्रेष्ठतम, महत्तम, विशिष्टतम, अधिकतम, गुरुतम, दीर्घतम, निकटतम, न्यूनतम, लघुतम, वृहत्तम, सुंदरतम, उत्कृष्टतम।
ताश्रोता, वक्ता, दाता, ज्ञाता, सुंदरता, मधुरता, मानवता, महत्ता, बंधुता, दासता, खाता, पीता, डूबता, खेलता, महानता, रमता, चलता, प्रभुता, लघुता, गुरुता, समता, कविता, मनुष्यता, कर्त्ता, नेता, भ्राता, पिता, विधाता, मूर्खता, विद्वता, कठोरता, मृदुता, वीरता, उदारता।
तिगति, मति, पति, रति, शक्ति, भक्ति, कृति।
तीज्यादती, कृती, ढ़लती, कमती, चलती, पढ़ती, फिरती, खाती, पीती, धरती, भरती, जागती, भागती, सोती, धोती, सती।
तःसामान्यतः, विशेषतः, मूलतः, अंशतः, अंततः, स्वतः, प्रातः, अतः।
त्रएकत्र, सर्वत्र, अन्यत्र, नेत्र, पात्र, अस्त्र, शस्त्र, शास्त्र, चरित्र, क्षेत्र, पत्र, सत्र।
त्वमहत्त्व, लघुत्व, स्त्रीत्व, नेतृत्व, बंधुत्व, व्यक्तित्व, पुरुषत्व, सतीत्व, राजत्व, देवत्व, अपनत्व, नारीत्व, पत्नीत्व, स्वामित्व, निजत्व।
चतुर्थ, पृष्ठ (पृष्+थ), षष्ठ (षष्+थ)।

17 comments:

  1. बेहतरीन काम किया आपने.बहुतों को इससे फायदा होगा. यह भी देशभक्ति है . सलाम आपको.

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  2. वार्धिक्य में कोनसा प्रत्यय है

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  3. एलू का प्रत्तय

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  4. भाव और रूप का प्रत्यय बताए

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  5. सपेरा में मूल रूप क्या है

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  6. विलाप का मूल शब्द व् प्रत्यय

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  7. खेचर में प्रत्यय

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  8. पौर्वात्य का विग्रह ?

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